What is D2M?: भारत में हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की है की सांख्य लैब्स और आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित घरेलू डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) तकनीक का ट्रायल जल्द ही 19 शहरों में किया जाएगा.
यह एक ऐसी तकनीक है जो मोबाइल यूजर्स को बिना इंटरनेट कनेक्शन के बिना अपने स्मार्टफोन पर वीडियो स्ट्रीम करने में सक्षम बनाएगी. आये इस नई तकनीक के बारे में ट्रिक्स स्पॉट (Tricks Spot) के इस आर्टिकल के जरिये विस्तार में जाने.
पिछले साल 2023 के जून में, IIT – कानपूर ने प्रसार भारती और टेलिकॉम डेवलपमेंट सोसाइटी के सहयोग से D2M ब्रॉडकास्टिंग पर एक वाइट पेपर जारी किया था, जिसमें D2M Technology के बारे में बताया गया था. फिर अगस्त 2023 में मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन ने इसके यूजेज के बारे में बताया था, जिसमें एमर्जेंसी की स्थिति में कंटेंट डिलीवरी करने की बात कही गई थी.
क्या है D2M? – (What is D2M?)
सरकारी लेटर के अनुसार, पर्सनलाइज्ड, ऑन-डिमांड कंटेंट की मांग के कारण डायरेक्ट टू मोबाइल (डी2एम) का उदय हुआ है. यह तकनीक यूजर्स को पारंपरिक प्रसारण विधियों को दरकिनार करते हुए सीधे अपने स्मार्टफोन (Smartphone) और टैबलेट (Tablet) पर मल्टीमीडिया कंटेंट तक पहुंचने में सक्षम बनाती है, जिसमें सिग्नल एक प्रसारण स्टेशन से टेलीविजन और रेडियो जैसे रिसीवर तक प्रेषित होते हैं.
कैसे काम करता है D2M Technology
D2M टेक्नोलॉजी वैसे ही काम करता है जैसे कि FM रेडियो. जैसे FM रेडियो के लिए पहले स्टेशन को सिग्नल भेजे जाते हैं और एक निश्चित फ्रेक्वेंसी पर FM रेडियो सुन पाते हैं. इसी तरह डायरेक्ट टू होम यानी DTH ब्रोडकास्ट में डिश एंटीना के जरिये सेटेलाइट से डायरेक्ट सिग्नल मिलेगा और आपके सेटअप बॉक्स में ट्रांसमीट होगा.
स्मार्टफोन के केस में D2M तकनीक सीधे मोबाइल फोन पर डेटा सिग्नल प्रसारित करने के लिए स्थलीय दूरसंचार बुनियादी ढांचे और स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगी. सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के मुताबिक, सरकार इस उभरती हुई तकनीक के लिए 470-582MHz स्पेक्ट्रम आरक्षित रखेगी. D2M का उपयोग करके, यूजर इंटरनेट का उपयोग किए बिना लाइव टीवी मैच जैसे मल्टीमीडिया कंटेंट को सीधे स्ट्रीम करने में सक्षम होंगे.